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उत्तराखंड और हिमाचल के बाद अब जम्मू-कश्मीर में प्रलय, बादल फटने से मची तबाही, कई लोग लापता

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  • 14 Aug, 2025
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(सुरभि गैरोला)

मोहाली
:  जम्मू और कश्मीर से के किश्तवाड़ जिले के चशोटी गांव में आज बादल फटने की घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई, जिसमें कई घर, एक लंगर शेड, और मचैल माता यात्रा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस घटना में कम से कम 10-15 लोगों की मौत होने की आशंका है, और 12-15 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

घटना किश्तवाड़ के चोसिती गाँव में हुई, जो मचैल माता मंदिर के रास्ते पर अंतिम मोटर योग्य गाँव है। यह क्षेत्र धार्मिक यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहाँ से मचैल माता यात्रा शुरू होती है। बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने एक लंगर शेड को बहा दिया, जो मचैल माता यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था करता था। कई घरों को नुकसान पहुँचा, और सड़कें व अन्य बुनियादी ढाँचे ध्वस्त हो गए।

इस आपदा के कारण वार्षिक मचैल माता यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। घटना की सूचना मिलते ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। किश्तवाड़ के उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) पंकज कुमार शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह बचाव कार्यों की निगरानी के लिए घटनास्थल पर पहुँचे। सिविल प्रशासन, पुलिस, भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। NDRF की दो टीमें विशेष रूप से किश्तवाड़ भेजी गई हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की और ट्वीट कर कहा, "चोसिती क्षेत्र में बादल फटने से भारी नुकसान की आशंका है। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की है, और बचाव टीमें घटनास्थल पर रवाना हो चुकी हैं।" उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने X पर लिखा, "चोसिती किश्तवाड़ में बादल फटने से व्यथित हूँ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ। सिविल, पुलिस, सेना, NDRF, और SDRF को बचाव और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।" श्रीनगर मौसम केंद्र ने अगले 4-6 घंटों में जम्मू और कश्मीर के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश, गरज-चमक, और तेज़ हवाओं की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों से दूरी बनाए रखने की अपील की है।

चोसिती गाँव एक घनी बस्ती वाला क्षेत्र है, और मचैल माता यात्रा के कारण यहाँ यात्रियों की भीड़ थी। इस वजह से हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है, क्योंकि नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए हैं और घायलों को चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं।

किश्तवाड़ में बादल फटने की यह घटना एक बार फिर प्रकृति की अनिश्चितता और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक चुनौतियों को उजागर करती है। प्रशासन और बचाव टीमें अपनी पूरी ताकत से राहत कार्यों में जुटी हैं, लेकिन प्रभावित परिवारों के लिए यह एक दुखद और चुनौतीपूर्ण समय है। केंद्र और राज्य सरकार ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है, और उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आएगी।

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