Create your Account
Breaking News
ਭਾਰੀ ਮੀਂਹ ਕਾਰਨ ਯਾਤਰੀਆਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਮੱਦੇਨਜ਼ਰ ਸ੍ਰੀ ਹੇਮਕੁੰਟ ਸਾਹਿਬ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਜੀ ਦੀ ਯਾਤਰਾ ਦੋ ਦਿਨਾਂ ਲਈ ਬੰਦ
ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਯੋਗ ਦਿਵਸ : ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਮੋਦੀ ਨੇ ਦਿੱਤੀ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਵਧਾਈ, ਕਿਹਾ- ਯੋਗ ਨੂੰ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਾ ਬਣਾਓ ਹਿੱਸਾ
श्रद्धालुओं पर टूटा कुदरत का कहर- J&K में बादल फटने से 46 की मौत, सैकड़ों लापता

मोहाली : लंगर की लाइन में खड़े कुछ श्रद्धालुओं को क्या पता था…. कि अगले ही पल ज़िंदगी उनकी आंखों के सामने बिखरने वाली है। माता के जयकारों के साथ श्रद्धा से भरे मन और भक्ति के जोश में मचैल यात्रा पर निकले इन भक्तों ने कभी नहीं सोचा था कि कुदरत की एक भयावह करवट उनके जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी बन जाएगी।
हिमाचल और
उत्तराखंड के बाद अब जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर टूटा है।
किश्तवाड़ ज़िले के चशोती
गांव में गुरुवार यानी कि 14 अगसत दोपहर 12 के बजे बादल फटने
से मची भीषण तबाही में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है।
मरने वालों में CISF के दो जवान भी
शामिल हैं, जबकि 100 से ज़्यादा लोग घायल हैं और 200 के करीब लापता बताए जा रहे हैं। आपको बता दे कि
हादसे के वक़्त लोग मचैल माता यात्रा के लिए निकले थे और चशोती गांव में लंगर की
लाइन में खड़े थे। अचानक ऊपर से आए मलबे, पत्थरों और पानी के तेज़ बहाव ने सब कुछ अपने
साथ बहा लिया।
लोगों को सोचने-समझने
का मौका तक नहीं मिला और जो जहां था, वहीं दब गया और फंस गया। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन
ज़ारी है – पुलिस, सेना, NDRF, SDRF और वॉलंटियर्स
राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं। घायलों का इलाज किश्तवाड़ के जिला अस्पताल में चल रहा है।
करीब 70 से 80 घायलों का इलाज
हो रहा है, जिनमें से लगभग 37 की हालत गंभीर
बताई जा रही है।
आपको बता दें कि 9500 फीट की ऊंचाई पर
स्थित मचैल माता मंदिर लोग चशोती तक वाहन से पहुंचते हैं और वहां से आगे 8.5 किलोमीटर की
पैदल यात्रा करते हैं। यात्रा के दौरान इसी मार्ग पर हादसा हुआ है। 25 जुलाई से शुरू
हुई यह यात्रा 5 सितंबर तक चलनी थी। इस हादसे में 16 घर, तीन मंदिर, चार पवन चक्कियां, एक पुल और एक दर्जन से अधिक वाहन तबाह हो गए हैं। सामुदायिक रसोईघर
(लंगर) सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ, जहां लोग भोजन के लिए एकत्रित थे।
वही इस दुःखद घटना
के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 15 अगस्त को होने वाली ‘AT
HOME’ चाय पार्टी और सांस्कृतिक
कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस
हादसे पर गहरा शोक जताया है और उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात कर हर संभव मदद
का आश्वासन दिया है। NDRF की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और राहत
सामग्री – जैसे सर्च लाइट, रस्सियां और
खुदाई के औज़ार – घटनास्थल तक पहुंचाए जा रहे हैं।
हमारी दुआएं और
संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। प्रशासन और बचाव दल हर संभव प्रयास कर रहे
हैं, ताकि ज्यादा से
ज्यादा जानें बचाई जा सकें। इस मुश्किल वक्त में हम सभी को एकजुट होकर जरूरतमंदों
की मदद करनी होगी। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप भी सतर्क रहें और अधिकारीयों
के निर्देशों का पालन करें। हम जल्द ही इस घटना से जुड़ी नई जानकारी लेकर आपके
सामने प्रस्तुत होंगे।
मरने वालों में CISF के दो जवान भी शामिल हैं, जबकि 100 से ज़्यादा लोग घायल हैं और 200 के करीब लापता बताए जा रहे हैं। आपको बता दे कि हादसे के वक़्त लोग मचैल माता यात्रा के लिए निकले थे और चशोती गांव में लंगर की लाइन में खड़े थे। अचानक ऊपर से आए मलबे, पत्थरों और पानी के तेज़ बहाव ने सब कुछ अपने साथ बहा लिया।
लोगों को सोचने-समझने का मौका तक नहीं मिला और जो जहां था, वहीं दब गया और फंस गया। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन ज़ारी है – पुलिस, सेना, NDRF, SDRF और वॉलंटियर्स राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं। घायलों का इलाज किश्तवाड़ के जिला अस्पताल में चल रहा है। करीब 70 से 80 घायलों का इलाज हो रहा है, जिनमें से लगभग 37 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
आपको बता दें कि 9500 फीट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर लोग चशोती तक वाहन से पहुंचते हैं और वहां से आगे 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं। यात्रा के दौरान इसी मार्ग पर हादसा हुआ है। 25 जुलाई से शुरू हुई यह यात्रा 5 सितंबर तक चलनी थी। इस हादसे में 16 घर, तीन मंदिर, चार पवन चक्कियां, एक पुल और एक दर्जन से अधिक वाहन तबाह हो गए हैं। सामुदायिक रसोईघर (लंगर) सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ, जहां लोग भोजन के लिए एकत्रित थे।
वही इस दुःखद घटना के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 15 अगस्त को होने वाली ‘AT HOME’ चाय पार्टी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया है और उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। NDRF की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और राहत सामग्री – जैसे सर्च लाइट, रस्सियां और खुदाई के औज़ार – घटनास्थल तक पहुंचाए जा रहे हैं।
हमारी दुआएं और संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। प्रशासन और बचाव दल हर संभव प्रयास कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा जानें बचाई जा सकें। इस मुश्किल वक्त में हम सभी को एकजुट होकर जरूरतमंदों की मदद करनी होगी। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप भी सतर्क रहें और अधिकारीयों के निर्देशों का पालन करें। हम जल्द ही इस घटना से जुड़ी नई जानकारी लेकर आपके सामने प्रस्तुत होंगे।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *